आज आसमां में उड़ने की ख्वाहिश मत करो
बावले मन को आज अपने संग बैठाओ
मत डालो पलकों पर आज ख़्वाबों के बोझ
वरन,जो कुछ है तुम्हारे आस-पास ,आज उसे ही लाड़ करो
अब तक की जीवन-निधि है जो,आज उसे ही प्यार करो ......
मत जलाओ आज तुम घर में दीवा
रौशनी का मत आज उन्माद करो
अँधेरे गलियारों में तनिक झाँक कर देखो
आज उन्हें ही टटोलने का प्रयास करो !
जो स्याह है,है अन्धकार में ,आज उसे भी प्यार करो
बस ऐसे ही प्यार करो!
मत मांगो आज दुआ कोई ,मत टेको मन्दिर में माथा
मत चढाओ फूलों के दस्ते ,मत गाओ कोई गीत-गाथा
अपितु, उस दाता के लिए,
आखें आज कुछ नम करो
आज उसे भी प्यार करो,
बस ऐसे ही प्यार करो!
रंगों की पुड़िया आज मत खंगोलो
मत करो कामना किसी इन्द्रधनुष की
वरन जो वर्णहीन है, रंगहीन है
अरुचिकर है ,अप्रीतिकर है
आज उसे ही प्यार करो
बस ऐसे ही प्यार करो
मत लिखो आज कुछ,मत कहो आज कुछ
बस यूँही चुपचाप रहो,
ज़िन्दगी के आँचल में आज ,
इक भीनी सी मुस्कान धरो
जो जैसा है आज जमाने में
सिर्फ आज
उसे वैसे ही प्यार करो
बस ऐसे ही प्यार करो!
ना 'कल' पर अवसाद करो
ना 'कल' पर उम्मीद धरो
सच्चा झूठा अच्छा या बुरा
जो जैसा है आज जमाने में
उसे वैसे ही प्यार करो
बस ऐसे ही प्यार करो!
बस ऐसे ही प्यार करो!.......
~Saumya
ना 'कल' पर अवसाद करो
ReplyDeleteना 'कल' पर उम्मीद धरो
सच्चा झूठा अच्छा या बुरा
जो जैसा है आज जमाने में
उसे वैसे ही प्यार करो
बस ऐसे ही प्यार करो!
बस ऐसे ही प्यार करो!
बस ऐसे ही प्यार करो!........
भई वाह क्या बात है। बहुत ख़ूब.....हर एक पंक्ति उम्दा है।
अब तो बस किताब लिखने की तैयारी करो।
wow...
ReplyDeleteअब क्या कहूं...कुछ बचा ही नहीं कहने के लिए.... बेहतरीन....पढता ही चला गया....
I have never come across a writer even remotely close to your standards. This should be among your very best... this topic is really neglected in most poetry...
ReplyDeleteजो जैसा है आज जमाने में
ReplyDeleteसिर्फ आज
उसे वैसे ही प्यार करो
बस ऐसे ही प्यार करो!
कुछ अलग सी लेकिन सोचने पर मजबूर करती अच्छी प्रस्तुति
मत लिखो आज कुछ,मत कहो आज कुछ
ReplyDeleteबस यूँही चुपचाप रहो,
ज़िन्दगी के आँचल में आज ,
इक भीनी सी मुस्कान धरो
जो जैसा है आज जमाने में
सिर्फ आज
उसे वैसे ही प्यार करो
बस ऐसे ही प्यार करो!
saareee hi para bahut khoobsurat hain soumya ..par itna sunder likhne ki anubhooti ..jindagi k aanchal me sukoon or muskaan dono dhar jaate hain :):)
आज सड़कों पर लिखे हैं, सैंकडो नारे न देख,
ReplyDeleteघर अँधेरा देख तू, आकाश के तारे न देख ||
अब यकीनन ठोस है, धरती हकीकत कि तरह,
यह हकीकत देख लेकिन, खौफ के मारे न देख ||
शायर का नाम अब याद नहीं है, पर पंक्तियाँ आज भी वैसा ही कलाम रखती हैं,
आपकी कविता से कुछ मेल खाती थी तो यूँ ही लिख दी...
बहुत सुंदर भावाव्यक्ति है आपके शब्दों में |
किसकी बात करें-आपकी प्रस्तुति की या आपकी रचनाओं की। सब ही तो आनन्ददायक हैं।
ReplyDeleteBeautiful as always.
ReplyDeleteIt is pleasure reading your poems.
@Virendra ji:thank you so much....par kitaab likhne ka abhi koi vichar nahi hai :)
ReplyDelete@Shekhar:thank you!!
ReplyDelete@Divesh:thank you for the beautiful compliment :)
ReplyDelete@Sangeeta ji:thank you ma'am!!
ReplyDelete@Vandana:It was nice to hear this from you. Thanks :)
ReplyDelete@Blasphemous Aesthete:I haven't read these lines before....but yes...they convey the same message.
ReplyDeleteThank you for reading!!
@Sanjay ji:thank you!!
ReplyDeletewonderful thought! At times itz interesting to explore somethng which is mostly ignored! As always ..greatly expressed in words! :)
ReplyDeleteCute... :)
ReplyDelete@mAvericK :yeah....wanted to convey the same message...try loving the unlovable....thank you :)
ReplyDelete@Avinash ji: is it?....anyways thanks :)
ReplyDeleteevery time a new poem with new thoughts entirely different from others....Har ek shabd yese jaise uski jagah koi doosra le hi nhi sakta tha.
ReplyDeletehameshaki tarah.......FODOOOO.
@Blasphemous Aesthete sir, ye lines 'Dushyant Kumar' ji ki hai. Unka likha ek kivdanti ki tarah chha gya h.
भाई वाह ...आनंद आ गया ! हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDelete@Vivek:thank you so much....I wrote it after quite a long gap.....esp thanks for that 'FODOOOO'...engineers language after all :D
ReplyDelete@Satish ji:thank you!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावाव्यक्ति है आपके शब्दों में |शुभकामनायें|
ReplyDeleteना 'कल' पर अवसाद करो
ReplyDeleteना 'कल' पर उम्मीद धरो
सच्चा झूठा अच्छा या बुरा
जो जैसा है आज जमाने में
उसे वैसे ही प्यार करो
बस ऐसे ही प्यार करो!
बस ऐसे ही प्यार करो!.......
बहुत खूब ... सच है जो आज है उसी को अपनाना चाहिए .. जो नहीं है उसके पीछे क्या भागना ... जीवन का सत्य लिखा है ..
@Patali-The-Village :thank you!!
ReplyDelete@Digambar Nasva :thank you!!
ReplyDeleteYes it is...
ReplyDeleteLove in its purest form is always cute.
The desire may be given different names...but here the wish is to love as it is. And so is it. cute! :)
heyyyy sweetie...wassup...!!
ReplyDeletehmmm, so u got an all hindi abode here, and i jus dint kno about it huh...yup, thats me, always lost ;)
beautiful beautiful blog, pehle ki nazmein bhi padhi maine, "khuda tu khairiyat se to hai", ye to bas bohot hi kamaal thi, aur baaqi sab bhi, lovely job hunn.
and this one here, great job babes. har us cheez se pyaar karo jise bhool chuke ho, nazarandaaz kar chuke ho...bohot khoob...! ur right, imagination is indeed stronger than knowledge.... :)
P.S. Otherwise why 'dya think we sing along.....'We dont need no education'
lol
@Avinash ji:yup...got it :)....Thank you once again :)
ReplyDelete@saanjh:hey thank you so much yaara.....it feels good to be appreciated by those who themselves write great!!!
ReplyDeletethanks a tonne for reading me :)