Saturday, August 18, 2012

चाँद के दो टुकड़ों जैसे !



हम दोनों
चाँद के दो टुकड़ों जैसे !

तुम

नूर से लबरेज़
केसरिया कुर्ते में
बिगड़े बदमाश से दिखते
(पता है...........पर हो नहीं!! )
रोम-रोम रूमानी.....शरारतें करते
हुस्न पर अपने.... इतराते फिरते
लड़कियां सारी फ़िदा हैं जिस पर !

और मैं

सबकी नज़रों से परे
थोड़ी साँवली सी
जियादा बावली सी
हमेशा मुस्कुराती रहती
(गालों पर गुल* नज़र आते हैं क्या?)
तिश्नगी में.....रोश्नी की....या शायद तुम्हारी
पर जान लो...तुमसे ....कुछ कम नहीं !

सोचो तो .......क्या मंज़र होगा !

जब 'एक' होंगे.... हम दोनों
पूरी मैं...............पूरे तुम !

झीना-झीना जब

वक़्त का परदा उठेगा
कहीं तीज सजेगी
कहीं ईद मनेगी
आँखों से आतिशबाजियां होंगी
ख़ुशी में हमारी !

सोचो तो .......

हम दोनों... इक साथ... सबको
इतने कमाल लगेंगे
कि कोई देख-देख मुस्काएगा
कोई दुआओं में बसाएगा
कोई तस्वीरों में उतारेगा
कोई घर बुलाएगा ..........
तोहफ़े में हमें
बेशुमार तारे मिलेंगे
हम दोनों..... इक  साथ... सबको
इतने प्यारे लगेंगे !

सोचो तो

देखकर हमें
कोई संजीदा सी लड़की
नज़रों की ख़ालिस सियाही से
गुलाबी सी इक नज़्म लिख देगी
हमारे आसमां पर.....

और माँएं....... आदतन

अपनी उंगली के पोरों पर
आँखों से काजल निकालकर
हमें नज़र का..... काला टीका लगा देंगी !

सोचो तो.....तुम और मैं

चाँद के दो टुकड़ों जैसे !
मोहब्बत मुकम्मल होगी तब
जब 'एक' होंगे हम दोनों
पूरी मैं................पूरे तुम !
......................................................
......................................................
'एक' तो हैं ही ...हम दोनों ...पहले से
बस मोहब्बत के नूर की बात है .....
वक़्त गया है लाने.......खुदा के घर................
फिर दिल के चिराग...... हमेशा के लिए...... जला लेंगे !
.........................................................................................
~Saumya

गुल--> Dimples 

38 comments:

  1. सोचा की बेहतरीन पंक्तियाँ चुन के तारीफ करून ... मगर पूरी नज़्म ही शानदार है ...आपने लफ्ज़ दिए है अपने एहसास को ... दिल छु लेने वाली रचना ...!!!

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  2. बहुत ही प्यारी नज़्म ....

    एक' तो हैं ही ...हम दोनों ...पहले से
    बस मोहब्बत के नूर की बात है .....
    वक़्त गया है लाने.......खुदा के घर................
    फिर दिल के चिराग...... हमेशा के लिए...... जला लेंगे !

    मैं तो चाँद के दोनों टुकड़ों का अक्स ही देख रही हूँ

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  3. और माँएं....... आदतन
    अपनी उंगली के पोरों पर
    आँखों से काजल निकालकर
    हमें नज़र का..... काला टीका लगा देंगी !
    यकी़नन ...
    बहुत खूब लिखा है ...

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  4. बहुत सुन्दर अहसास की अभिव्यक्ति..
    :-)

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  5. Wow!! har ek line feelings se bhari padhi h.....jab bhi tum likhte ho poori feelings se likhte ho.

    'एक' तो हैं ही ...हम दोनों ...पहले से
    बस मोहब्बत के नूर की बात है .....
    वक़्त गया है लाने.......खुदा के घर................
    फिर दिल के चिराग...... हमेशा के लिए...... जला लेंगे !

    :):)

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    1. feelings naa ho to shabd khandahar lagenge...
      thankyou so much :) :)

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  6. beautiful .....ek dam narm garm type :)

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  7. भई वाह....क्या बात है! जस्ट अमेंजिंग! सौम्या... आजकल तुम हर बॉल पर छक्का जड़ रही हो!

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  8. Achha chitran ! ye paktiyan lubha gayi..

    सोचो तो
    देखकर हमें
    कोई संजीदा सी लड़की
    नज़रों की ख़ालिस सियाही से
    गुलाबी सी इक नज़्म लिख देगी
    हमारे आसमां पर.....

    और माँएं....... आदतन
    अपनी उंगली के पोरों पर
    आँखों से काजल निकालकर
    हमें नज़र का..... काला टीका लगा देंगी !

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  9. बेहद खूबसूरत सौम्या....
    एक काला टीका मेरी तरफ से...इस नज़्म के लिए..
    अनु

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    1. thankyou so much anu di...aur *kala teeka* ke liye :) :) :)

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  10. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति..

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  11. मुबारक हो सौम्या,
    यू आर इन लव!
    अमेज्ड!
    आशीष
    --
    द टूरिस्ट!!!

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    1. Ashish ji ye sirf ek kalpana matr hai...padhne ke liye shukriya :)

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  12. वो भी एक चाँद है
    और तुम जैसे सिर्फ एक चाँद नहीं,
    तुम तो उसकी परछाईं हो
    एक दूसरे की चांदनी में सिमटा
    एक कभी न ख़त्म होने वाला वजूद...
    ये चांदनी हमेशा ही उतरती रहे
    इस प्यार भरे आँगन में.....

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    1. ye bhi badhiya hai....thanks for the read :)

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  13. बहुत सुंदर प्रेममयी भावाव्यक्ति ,बधाई

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  14. प्रेम का गहरा एहसास लिए ... ख्वाबो की बेलगाम उड़ान के शब्दों को बाँध दिया है ...
    भावमय ....

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  15. मेरी टिप्पणी नहीं दिख रही ...

    बहुत खूबसूरत रचना

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  16. sangeeta ji shayad bounce ho gayi hogi...kabhi kabhi google mein problem ho jaati hai....fir se aane ke liye bauhat bauhat shuriya :)

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    1. टिप्पणी बाउंस नहीं हुई होगी स्पैम मे गयी होगी। वहाँ से इस तरह निकाल सकती हैं--
      1-www.blogger.com मे लॉगिन कर लीजिये।
      2-ब्लॉग के टाइटिल पर क्लिक कीजिये
      3-बायीं तरफ कुछ मेन्यू ओपशंस दिखेंगे इनमे comments पर क्लिक कीजिये
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      5-बस इन सभी कमेंट्स को सेलेक्ट कर के not spam पर क्लिक कर दीजिएगा।


      सादर

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  17. मोहब्बत के इस नायाब तोहफे को नज्म कह दिया आपने ,नूरे चश्म को नज्म कह दिया आपने ....अलग भाव बोध भाव छायांकन है आपका इस नज्म में ,बधाई .

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  18. Positive, deliciously romantic and gentle !! Loved it :-)

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  19. बेहतरीन कविता
    आपका ब्लॉग अच्छा लगा।


    सादर

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  20. बहुत सुन्दर रचना ........

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Thankyou for reading...:)