Monday, June 29, 2009

उम्मीद ..















सूरज कब ढलेगा ,
इंतज़ार में देखो सांझ खड़ी है,
फिकर न करो मुसाफिर,
इन अंधेरों में भी रौशनी तमाम पड़ी है।

~सौम्या 

5 comments:

Thankyou for reading...:)